चारदिवारी के भीतर
मोबाइल में चटियाते
औरों से बतियाते,
अपनों के सन्नाटे के बीच
कब आ गया मदर्स डे
मालूम नहीं।
अचानक याद आया सबको
मां का असीम प्रेम!
याद आया
अतुलनीय त्याग!
उपेक्षित जीवन!
और होने लगे अपलोड
चमचमाते छायाचित्र।
हैशटैग के साथ
#HappyMothersDay
#Mysweetmom
ढूंढने लगा हर मानस
कितने मार्मिक गीत
गूगल की छाती पर
जिन्हे बिसरा चुके थे
सब
आउट डेटेड मान
और करने लगा डाउनलोड
और फिर अपलोड
नए रूप देकर।
बस एक दिन
माता का।
और फिर
फ्री पूरे साल भर
सिर्फ एक दिन
मां का
जो निभा रहा है
आदमी
श्राद्ध की तरह।
पर सुना है कहीं
श्राद्ध भी
किया जाता है तीन बार
पर आजकल.....!
खैर छोड़ो
मुबारक हो सबको।
#MothersDay