कुछ इस तरह उसने मेरी
आँखों से गम को छुपा लिया,
मुस्कुराये, और उसी को
नकाब अपना बना लिया!!!
पृथ्वीपाल रावत "अकेला मुसाफिर"
शनिवार, 15 अगस्त 2015
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